ग्लास ब्रेकर पेनल्टी

एक अदालत में कांच तोड़ने वाले के मामले में मुकदमा चल रहा है। विभिन्न प्रकार के विचारों और गरमागरम बहसों से गुजरने के बाद, अपराधी को आखिरकार मौत की सजा दी गई। अचानक फैसले ने कई लोगों को भ्रमित कर दिया और सोचा कि जब तक उन्हें मौत की सजा नहीं दी गई, तब तक उन्होंने कांच क्यों तोड़ा। जिज्ञासु पत्रकारों ने तुरंत जज से पूछा।

पत्रकार: "न्यायाधीश, क्या यह निर्णय सही है?"

न्यायाधीश: "मुझे ऐसा लगता है"

पत्रकार: "मौत की सजा क्यों सर?"

न्यायाधीश: "मुझे लगता है कि उसने जो किया वह इसके लायक है।"

रिपोर्टर: "लेकिन उसने शीशा तोड़ा, सर?"

जज: "सच है, लेकिन उसने जो तोड़ा वह एक पनडुब्बी का शीशा था जिसमें 4 और लोग थे।"

छात्र पूछता है

एक सुबह उज्ज्वल एक कक्षा में।

बुडी: "माँ, क्या मुझे उस चीज़ की सज़ा मिल सकती है जो मैंने नहीं की?"

शिक्षक: "बिल्कुल नहीं, यदि आप कुछ नहीं करते हैं तो आपको दंडित नहीं किया जाएगा।"

बुडी: "धन्यवाद महोदया।"

शिक्षक: "आपका स्वागत है, लेकिन आप ऐसा क्यों पूछते हैं?"

बुडी: "क्योंकि मैं अपना होमवर्क नहीं करता, मैडम।"

यह एक लघु उपाख्यान का उदाहरण है। उपयोगी साबित हो सकता है।